New Education Policy 2020 coding for 6th standar नई शिक्षा नीति 2020 कंप्यूटर कोडिंग कक्षा 6 में भी | Kuchnyaa

New Education Policy-


किसी भी देश का कल तभी सुनहरा हो सकता है जब उसका यूथ सही होगा वो अच्छी तरह पड़ा लिखा होगा तभी वो कल इस देश के लिए कुछ कर पायेगा ओर इसके लिए जरूरत होगी कि उसे आज बेहतर शिक्षा प्रदान की जाए।

यदि हमारा आज का युवा अच्छी तरह पड़ा लिखा होगा तो इस देश का कल सुरक्षित होगा यही हर देश के हर समाज की सबसे जरूरी पूंजी है। लेकिन आज इस पोस्ट में ये बाते करने का हमारा सीधा मकसद है कि आपको देश मे आने वाले बड़े बदलाव से अवगत कराना। जी हां आपने सही सुना हमारे देश मे एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है और ये बदलाव शिक्षा के क्षेत्र में हो रहा है। आइये जानते हैं क्या हैं नए बदलाव और आपका या आपके बच्चों का क्या होगा नया भविष्य।
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इतिहास-

यदि इतिहास में नजर डाली जाए तो हमारी सभी सरकारों ने अपने तरफ से कुछ ना कुछ जरूर शिक्षा के लिए कुछ बेहतर करने की कोशिश की है। लेकिन ये बात भी सत्य है कि किसी भी सरकार ने शिक्षा को उतना बड़ा एजेंडा नही समझा, रोजगार को या रोटी कपड़ा मकान इन्हें ही ज्यादा तवज्जो दी गई अब कुछ भी समझ लीजिए लेकिन यही सत्य है।

अब इसे आप इस देश की बदनसीबी समझे या यूं कहले की हमारे देश को आजाद हुए कुछ ही वर्ष हुए थे उस समय हमारी वो कंडीशन नही थी कि हमारा देश रोटी कपड़ा के अलावा किसी ओर को कुछ तवज्जो दी पाए। 
बात करते हैं साल 1968 की जब नेशनल एजुकेशन पोलिसी को कांग्रेस सरकार में लाया गया । इसके बाद दूसरी एजुकेशन पोलिसी 1986 फिर से लाई गई।

ओर इसके बाद कहा जाता है कि पी वी नरसिम्हा राव की सरकार ने इसे मॉडिफाई किया । और हमारे सविंधान में भी कुछ संशोधन हुए जैसे आर्टिकल 21A जो कि शिक्षा का अधिकार 6 वर्ष से 14 वर्ष के बचे को देता है। 

वर्ष 2014 में भाजपा सरकार ने शिक्षा को अपने मैनिफेस्टो में जगह दी शायद भाजपा समय की मांग को समझ गई थी। सरकार में आने के बाद स्मृति ईरानी जो कि एजुकेशन मिनिस्टर थीं उन्होंने एक कमेटी का निर्माण किया है।

इस कमेटी में टी.स.र सुब्रमण्यम अध्यक्ष थे। इस कमेटी का मोटिव शिक्षा की गुणवता पर काम करना था। 2016 में इनकी रिपोर्ट आई लेकिन कुछ ज्यादा कामयाब नही हुई ।

इसके कुछ समय बाद दूसरी कमिटी बनाई गई जिसमें डॉक्टर के.कस्तूरीरंगम चैयरमेन थे।और इस कमिटी ने 2019 में अपनी रिपोर्ट एजुकेशन पोलिसी पर दी । जिसे सरकार ने स्वीकार किया और इसको जमीन पर उतारने में अपना अगला प्रोसेस आरम्भ किया। 

क्या है बड़े बदलाव -


नई एजुकेशन पोलिसी यानी ननेशनल एजुकेशन पोलिसी 2020 में सबसे बड़ी बात तो ये है कि 10+2 के फार्मूले को अब इसके बाद बन्द कर दिया जाएगा अब 10+2 की जगह स्कूल में 5+3+3+4 का फार्मूला इस पोलिसी में लाया गया है।
आइये इस फार्मूले को जरा ओर करीब से समझे।

आरम्भ के 5 साल में आंगनबाड़ी या पृ स्कूल जैसा सिस्टम होगा इसमे 3 से 6 साल के बच्चे और क्लास 1 से 2 तक 6 से 8 साल तक के बच्चे शामिल होंगे।

+3 इस पीरियड में क्लास 3 से 5 तक के बच्चें होंगे जो कि 8 से 11 साल तक के होंगे।

+3 इस पीरियड में क्लास 6 से 8 तक के होंगे जो कि 11 से 14 साल तक के होंगे ।

+4 इसमे क्लास 9 से 12 तक के 14 वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चे होंगे।

- एक खास बात क्लास 6 से ही बच्चों को कोडिंग की जानकारी देनी आरम्भ कर दी जाएगी।

लेकिन एक बात से कुछ लोगो को प्रॉब्लम ही सकती है कि शुरू की 5 साल में बच्चे को सिर्फ लोकल भाषा या मदर टँग में कुछ बेसिक कांसेप्ट बताएं जाएंगे। एक्सपर्ट की माने तो विदेशो में भी आरम्भ की शिक्षा लोकल भाषा या मदर टँग में दी जाती है ।आरम्भ में कोई भी वदेशी भाषा नही परोसी जाती ताकि बेसिक कॉन्सेप्ट क्लियर हो जाएं। 

ऊच शिक्षा

*उच्च शिक्षा में अब आपको स्ट्रिक्ट डविजन से छुटकारा मिलेगा अब यदि आप कॉमर्स में होकर हिस्ट्री या पोलिटिकल पड़ना चाहते हैं या साइंस पड़ना चाहते हैं। तो आपको कोई नही रोकेगा। हालांकि इस पर अभी पूरी डिटेल आना बाकी है कि आखिर कैसे सरकार बंडल को डिवाइड करेगी।

*यदि आप किसी कोर्स को करते करते छोड़ना चाहते हैं। तो आप छोड़ सकते हैं। इसकी वैल्यू कभी भी खत्म नही होगी। आप चांहे तो जहां से छोड़ा वहीं से आरम्भ करें। या जितना किया उसकी डीयुरेशन के हिसाब से डिप्लोमा या डिग्री ले सकते हैं।

* अब एम फील को हटा दिया गया है। अब सीधा पीएचडी के लिए अप्लाई कर सकते हैं। ये फैसला सिर्फ रिसर्च को बढ़ावा देने हेतु किया गया है।
* अब H E C I यानी हायर एजुकेशन ऑफ इंडिया सभी यूनिवेर्सिटी के कोर्सेज को रेगुलेट करेगा। लेकिन इसमें मेडिकल ओर लीगल को नही रखा गया है।
* बोर्ड एग्जाम स्कूल में अब समेस्टर सिस्टम के अनुसार रखा जाएगां। जिसमे 1 साल में 2 समेस्टर होंगे।

टीचर

अब बात करते हैं टीचर्स के बारे में भला इनके बिना सरकार की नई एजुकेशन पोलिसी कैसे कामयाब होगी। N C E R T नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फ़ॉर टीचर्स एजुकेशन होगा।जो कि N C F T E 2021 में होगा।और 2030 तक मिनिमम डिग्री एजुकेशन क्वालिफिकेशन 4 ईयर इनटीग्रटीड कोर्स बीएड का होगा।

अब सरकार प्रक्टिक्ल नॉलेज पर ज्यादा जोर देगी ।


यदि आपका बच्चा एक्स्ट्रा एक्टिविटी जैसे खेल कूद या म्यूजिक या किसी अन्य का शोक रखता है।या उसको अपना करियर बनाना चाहता है। तो इसके लिए सरकार उसे बेहतर शिक्षा और इनटरनशिप दिलवायगी। फिर चाहे वो किसी भी क्लास या किसी भी स्टैंडर में हो। संस्कृत हमेशा ऑप्शनल रहेगी । और अन्य विदेशी भाषाएं भी होंगी। 

लेकिन अब ये आप पर थोपी नही जाएंगी।सरकार का 2020 में ग्रॉस एनरोलमेंट रेश्यो इन हायर एजुकेशन इन्क्लूडिंग वोकेशनल एजुकेशन फ्रॉम 26.3℅ टू 50% ओर 2035 तक 3.5 करोड़ सीट्स को हायर एजुकेशन  बढ़ाने का प्लान है। इतना सब कुछ पड़ कर अब हम सब लोग जो पड़ चुके है और शायद अब बोहोत आगे निकल चुके है। हमारे लिए थोड़ा जलना या जलन करना तो स्वभावीक है। 

क्योंकि आने वाली नई पीढ़ी के लिए मॉडर्न एजुकेशन जो सिर्फ विदेश की बुक्स या उनके शहरों में देखी जाती थी अब सपना नही होगा बल्कि भविष्य में हमारी पीड़िया यहीं अपने देश मे ही ऐसी मॉडर्न एजुकेशन को पड़ सकेंगे और सुनहरे भविष्य की ओर आगे बढ़ेंगे ।
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