Defamation meaning in hindi | Rahul Gandhi Case Of Defamation | मानहानि
मानहानि (Defamation)
मानहानि जिसे इंग्लिश भाषा में Defamation लिखा जाता है मानहानि का दावा अमूमन न्यायालयों में दिख जाता है और आप लोग भी अखबारों के जरिए इसके बारे में सुनते रहते हैं, मानहानि का मतलब होता है कि जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति की प्रतिष्ठा को हानि पहुंचाता है या जानबूझकर किसी व्यक्ति को बदनाम करने की कोशिश करता है, ज्यादातर इस तरह के मामलों में हम राजनेताओं को अधिक देखते हैं जब वह किसी दूसरे नेता के बारे में बिना किसी सबूत के कुछ भी जन सभा में कह देते हैं।
Defamation यानि मानहानि के केस दो तरह से चलते ही जिसमे एक सिविल यानी दीवानी मामले में चलता हे और दूसरा क्रिमिनल यानी फोजदारी मामले में चलता हे, सिविल में वादी कुछ पैसे की amount को कंपनसेशन के रूप में मांगता है और क्रिमिनल में complaint दर्ज करवा कर मामला कोर्ट में आने पर आरोपी को सजा और जुर्माना दोनो चुकाने होते हैं, लेकिन सिविल मामले में कोई सजा नही होती इसमें केवल वादी द्वारा निर्धारित रकम आरोपी से वसूली जाती है।
अक्सर दूसरे नेता पर शब्दों के बान चलाते ही रहते हैं और इसी दौरान कभी कभार लोग अपनी सीमाओं को लागते हुए बिना किसी सबूत के दूसरे नेता पर बहुत से आरोप लगा देते हैं तथा उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं ऐसा कतई नहीं है कि यह केवल एक पार्टी के एक नेता अक्सर करते हो यदि आप अखबारों के पन्ने मैं इतिहास देखेंगे तो ऐसा बहुत बार हुआ है जब बहुत से नेताओं ने दूसरे नेताओं पर तरह-तरह के बयान दिए हैं।
क्या कहता है भारत का कानून
बात करते हैं मानहानि की या Defamation की तो इसे सिविल व क्रिमिनल दो हिस्सों में बांटा गया है भारत के इंडियन पेनल कोड (IPC) यानी भारतीय दंड संहिता 1860 मैं मानहानि को दंड योग्य बताया गया है यदि धारा 499 को देखें तो इसमें मानहानि की व्याख्या की गई है धारा 499 में मानहानि को चार चरणों में समझाया गया है और इसकी धार 500 की बात की जाए तो इसमें मानहानि के लिए अधिकतम 2 वर्ष सजा और जुर्माना आदि का प्रावधान है ।
क्या है कोंग्रेस नेता राहुल गांधी का मामला
जैसा कि हमने आपको भारतीय दंड संहिता में दिए गए प्रावधान और सजा के बारे में बताया अब बात करते हैं मानहानि और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संबंध की वह आजकल मानहानि के कारण सुर्खियों में बने हुए हैं राहुल गांधी साल 2019 में एक जनसभा में अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री श्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया था जिसमें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नाम मैं मोदी शब्द की राहुल गांधी ने गलत तुलना की थी इसी मामले में सूरत की एक कोर्ट ने कांग्रेसी नेता श्री राहुल गांधी को मानहानि का दोषी ठहराते हुए उन्हें 2 वर्ष की कैद की सजा सुनाई इसके बाद उन्हें भारत की लोकसभा से भी निरस्त व उनकी सदस्यता को रद्द कर दिया गया।
किस कानून में हुई राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता निरस्थ
23 मार्च 2023 के इस फैसले से राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द हो गई इस मामले में पीपल रिप्रेजेंटेशन एक्ट की धारा 8(3) के तहत राहुल गांधी की सदस्यता रद्द की गई जिसमें यह बताया गया है कि यदि किसी नेता को सजा दी जाए जिसमें कि उसे कम से कम 2 साल की सजा हो तो ऐसे मामले में उसकी सदस्यता रद्द की जाएगी 6 वर्ष के लिए चुनाव लड़ने से भी रोक लगेगी वैसे कोर्ट ने उन्हें 30 दिन की मोहलत भी दे दी है जिसके तहत राहुल गांधी ऊपरी न्यायालय में अपील कर सकते हैं देखना यही होगा की कांग्रेस नेता श्री राहुल गांधी जब अपील मैं जाते हैं तो हाई कोर्ट उन्हें किसी तरह का कोई राहत देता है यह नहीं।
माननीय सुप्रीम कोर्ट में यह मामला
हालांकि अभी हाल ही में कुछ अधिवक्ताओं ने माननीय सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर की है जो की सीधे-सीधे राहुल गांधी के मामले से तो नहीं है लेकिन इसमें यह प्रश्न उठाया गया है कि क्या मानहानि जैसे छोटे मामलों में भी किसी नेता की सदस्यता रद्द होनी चाहिए जबकि इस कानून का उद्देश्य होना चाहिए कुछ ऐसे मामले जिसमें नेताओं द्वारा कोई जघन्य अपराध किया जाए जैसे हत्या रेप करप्शन आदि मामलों में और उन्हें 2 वर्ष से ज्यादा की सजा हो या 2 वर्ष की सजा हो तो ऐसे मामलों में उनकी सदस्यता रद्द की जाएगी। देखना यह होगा इस मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट का क्या फैसला रहता है।
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