Affidavit Meaning in Hindi | Name Change Affidavit in Hindi
Affidavit
Affidavit को हिंदी भाषा में शपतपत्र कहते हैं, जिसका सीधा सा अर्थ होता हे की आप शपत ले रहे हैं किसी वादे की किसी घोषणा की किसी प्रक्रिया की, वैसे तो भारती कानून में या यूं कहें कि भारतीय न्यायिक सिस्टम में इसकी महत्त्वता तो हे ही लेकिन इसे गेर- - - - न्यायिक कार्यों में भी इस्तेमाल में लाया जाता है ।
गेर न्यायिक कार्य के शपत पत्र
गेर न्यायिक कार्यों से हमारा मतलब हे की यदि आप शादी विवाह आदि कर रहे हे, या कोई सामान आदि खरीद रहे और किसी तरह का प्रमाण पत्र नाम बदलना आदि कार्य कर रहे जो की अक्सर रेवेन्यू दफ्तर आदि में होते ओर जिला कलेक्टर, तहसीलदार आदि गेर न्यायिक दफ्तर में होते हे तो ऐसी कार्यवाही में दिए जाने वाले Affadavit या शपत पत्र गेर न्यायिक पत्र कहलाते हैं।
न्यायिक कार्य में शपत पत्र या Affidavit
न्यायलय में किसी भी कार्यवाही में शपत पत्र देना होता हे अधिकतर दीवानी वाद में और इन्ही तरह के मुकदमे में ही evidence की कार्यवाही शपत पत्र पर पूरी करवाई जा सकती है।
लेकिन फौजदारी यानी Criminal Matter में हमेशा इसकी इजाजत नही होती लेकिन अधिकार NI ACT CHEQUE BAOUNCE केस मे इसकी इजाजत रहती है। ओर अधिकतर मामलों में वादी अपनी तमाम स्टेटमेंट और बातो को एक शपत पत्र के रूप में देता है,लेकिन यदि कोर्ट को जरा सा भी शक हो तो कोर्ट तुरंग इसे भंग यानी DISMISS भी कर सकती है।
Name change Affidavit in Hindi detail(नाम बदलने के लिए एफिडेवित व शपत पत्र)
यदी आपको नाम बदलना हे वो भी अपने किसी डिग्री डिप्लोमा स्कूल सर्टिफिकेट में तो इसके लिए एक प्रोसेस हे आप चाहे तो इसके लिए प्रॉपर प्रोसेस पर हम आर्टिकल डाल सकते है आप कॉमेंट बॉक्स में हम कह सकते हैं लेकिन अभी के लिए हम आपको बता दे की नाम बदलने के लिए शपत पत्र बनवा सकते हे उसके बाद आप बाकी की कार्यवाही कर सकते हे, लेकिन ध्यान रहे कि ये कोई अंतिम कार्यवाही नही होती,ओर ना ही इससे आपके नाम बदल जाने की कोई गारंटी हे क्योंकि अधिकतर समय अथॉरिटी नाम बदने के लिए शपत पत्र काफी नही मानती ओर नाम बदलने से मनाही करती है, ऐसी सूरत में आप न्यायलय का सहारा ले इसका केस आप न्यायलय में डाले और अधिवक्ता से मिले इसके बाद पक्का आपका नाम बदलना अधिकारियों को मानना पड़ेगा।
नाम बदलने के लिए आपको 100 रुपए का एफिडेविट लेना होगा इस पर सबसे ऊपर 100 रुपए की टिकट लगा होगी उसे आप टाइप करवा कर उसमे अपने नए नाम की घोषणा करें लेकिन ध्यान रखे की आपको पिछले या पुराने नाम का भी जिक्र वहा करना हे ओर बताना हे की पहले क्या था और अब क्या है।
इसके बाद जब एफिडेविट त्यार हो जाए नॉटरी से स्टेम लगने के बाद इसे या तो आप किसी अधिवक्ता से भी सर्टिफाइड करवा ले या सोयम कर दें।
इसके बाद आप आगे की कार्यवाही कर सकते हो जेसे की किसी स्कूल बोर्ड को यूनिवर्सिटी को एफिडेविट की जानकारी देना आदि ।
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