Karl Marx In Hindi


Britannica

            Picture Source:-Britannica

कार्ल मार्क्स का व्यक्तित्व और उनके विचार   


आज के समय में गरीब और अमीर के बीच गहरी खाई को हम सब  देख सकते हैं कुछ लोगों के पास जरूरत से ज्यादा धन है तो कुछ के पास इतना भी नहीं कि वह अपनी जरूरतों को पूरा कर सके  गरीब अमीर के बीच इस फर्क की कार्ल मार्क्स  ने निंदा की है और इसका कारण पूंजीवाद को बताया कार्ल मार्क्स पूंजीवाद के विरोधी थे।


 कार्ल मार्क्स का व्यक्तित्व


 कार्ल मार्क्स का जन्म 5 मई 1818 जर्मनी में  एक धनी परिवार में  हुआ कार्ल मार्क्स को शुरू में शिक्षा उनके पिताजी द्वारा दी गई वही उनके पहले गुरु थे कार्ल मार्क्स अपने पिता के काफी करीब थे उनके पिता  धर्मनिरपेक्ष और लिबरल थे और यही शिक्षा उन्होंने अपने पुत्र को भी  दी ।


 कार्ल मार्क्स  के विचार


कार्ल मार्क्स का मानना था कि इस दुनिया में मूल समस्या धन की है उन्होंने लोगों को दो वर्गों में बांटा वह वर्ग थे HAVE  और HAVE NOT  एक वह वर्ग जिसके पास जरूरत से अधिक धन एकत्रित है वह दूसरा जिसके पास  जरूरत से भी कम धन है और यही वह लोग हैं जिन का शोषण समय-समय पर किया जाता है कार्ल मार्क्स का कहना था इन दो वर्गों में एक हिंसक क्रांति होगी जिसके बाद SOCIALISM  अर्थात समाजवाद की स्थापना होगी और उसके बाद आएगा साम्यवाद (COMMUNISM)   आखिर  कार्ल मार्क्स इस निष्कर्ष पर कैसे पहुंचे।


कार्ल मार्क्स GEORGE HEGEL से प्रेरित

कार्ल मार्क्स इतिहास का एक ऐसा व्यक्तित्व है जिसे सबसे ज्यादा प्यार मिला  और सबसे ज्यादा नफरत  भी कार्ल मार्क्स एक जर्मन दार्शनिक GEORGE HEGEL  से  प्रेरित हुए  GEORGE    ने DIALECTIC PRINCIPLES  के बारे में बताया और इसी से कार्ल मार्क्स प्रेरित हुए HEGEL  का कहना था  मनुष्य की प्रगति 3 स्टेज में होती है पहला THEISIS दूसरा ANTITHESIS  और तीसरा SYNTHESIS  . कार्ल मार्क्स ने COMMUNISM (साम्यवाद) की 6 STAGES  के बारे में बताया वह कुछ इस प्रकार से है।


उन्होंने पहली तेज को नाम दिया PRIMITIVE COMMUNISM  जिसमें उन्हें साम्यवाद की  शुरुआत के बारे में बताया  यहां पर आदिमानवों  की बात हुई और इस समय में  मनुष्य की पूंजी थी–  पत्थरों से बने हथियार यही उस समय का धन था।


 इसके बाद आए दूसरी STAGE  जिसे  कहां गया SLAVE SOCIETY इस  स्टेज में  साम्यवाद का अंत हुआ उस समय का धन जोकि था हथियार वह कुछ ही लोगों के हाथों तक सीमित रह गए व अन्य लोग मजदूर की तरह काम करने लग गए ।


इसके बाद तीसरी स्टेज जिसे कहा गया FEUDALISM  इसमें काम करने वाले लोग कोई और थे वह जमीन किसी और की हुआ करती थी मतलब मेहनत कोई और करता था और मुनाफा किसी और को मिलता था एक पक्ष में ज्यादा मेहनत व दूसरे पक्ष में ज्यादा कीमत।


 इसके बाद चौथी स्टेज जिसे कहा गया CAPITALISM (पूंजीवाद)  यह है आज का समय जहां पर व्यापारी राज करते हैं और मजदूर केवल  मेहनत।


इसके बाद पांचवी  स्टेज जिसे  कहा गया SOCIALISM  (साम्यवाद)  कार्ल मार्क्स का कहना था पूंजीवाद की वजह से लेबर क्लास और व्यापारियों के बीच मतभेद होंगे कड़वाहट होगी और इसकी वजह से एक क्रांति होगी इस क्रांति में हिंसा होगी और लेबर क्लास डोमिनेट करेगी।



इसके बाद छठी  स्टेज जिसे  कहा गया STATELESS COMMUNISM पांचवी स्टेज की क्रांति के बाद काल मार्क्स का कहना था कि फिर एक ऐसा समाज बनेगा जहां पर कोई देश नहीं होगा कोई जाति नहीं होगी और कोई परिवार नहीं होगा कोई वर्ग नहीं होगा।


 कार्ल मार्क्स का यह कहना था कि लोगों को वर्गों में  बाटना परिवार बनाना यह सब पैसे वाले लोगों का काम है ताकि उनकी कमाई  उन्हीं के परिवारजनों तक सीमित रहे अपने ग्रुप को बेहतर बनाने के लिए समाज को तरह-तरह के वर्गों में बांटा गया परिवार बनाया गया था कि पैसे प्रॉपर्टी अपने बच्चों को दिए जाए और यह  गरीब अमीर की खाई कभी भरे ही नहीं ।


 यह थी 6  स्टेज जिसमें कार्ल मार्क्स ने अपने विचारों को रखा और समाज के प्रति उनकी विचारधारा को सामने लाया कहीं ना कहीं यह सब  एक सच्चाई की तरह हमारे सामने आती है और लगता है कि कार्ड मार्क्स सही कह रहे हैं  लेकिन  साम्यवाद का पूर्ण रूप से स्थापना होना एक इंप्रैक्टिकल बात लगती है एक स्टैटलेस सोसायटी होना काफी मुश्किल बात है।



आपका इस पर क्या विचार है हमें कमेंट बॉक्स  मैं बताएं पूंजीवाद या  साम्यवाद आप किसे समाज के लिए सही मानते हैं बहरहाल  कार्ल मार्क्स एक ऐसा व्यक्तित्व थे  जिन्हें प्रेम और नफरत दोनों ही  मिले परंतु उन्होंने अपने विचारों को हिम्मत के साथ वह बिना किसी पक्षपात के दुनिया के सामने रखा हमें यह समझना भी जरूरी है कि वह खुद लेबर क्लास सोसाइटी से नहीं थे अपितु एक प्रॉस्परस फैमिली से बिलॉन्ग करते थे लेकिन तब भी उन्होंने लेबर क्लास के दर्द को समझा जो सच्चाई देखी उसे दुनिया के सामने बेझिझक और  बेबाकी से रखा ।

References:- 1YouTube Video in Hindi
References:- 2. YouTube Video in Hindi

Books References:- 3.Political thought 
                                   4.R. M. Bhagat
                                   5.Satish Tandon

Picture Source:-  Britannica

No comments

Powered by Blogger.